ग्राम पंचायत मिरचीद में चिकित्सा सुविधा का अभाव: सरपंच ललित कुमार साहू ने प्रत्येक माह निःशुल्क जांच शिविर लगाने की उठाई मांग…

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बिलाईगढ़-ग्राम पंचायत मिरचीद, जो कि जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के अंतर्गत आता है, वहां के निवासियों को आज भी बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत मिरचीद के सरपंच ललित कुमार साहू ने एक सराहनीय पहल करते हुए विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, बिलाईगढ़ को पत्र लिखकर हर माह एक दिन मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करने की मांग की है।

ग्रामवासियों की पीड़ा का दस्तावेज बना यह पत्र…

दिनांक 10-05-2025 को भेजे गए इस पत्र में सरपंच ललित कुमार साहू ने स्पष्ट रूप से बताया कि ग्राम मिरचीद में किसी भी प्रकार की शासकीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। गांव के अधिकांश लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिनके पास निजी चिकित्सकों के पास जाने या दूरस्थ अस्पतालों में इलाज कराने की क्षमता नहीं है। ऐसे में, एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर उनके लिए जीवनदायिनी पहल साबित हो सकती है।

सरपंच ने अपने पत्र में लिखा…

मेरे गांव में किसी भी प्रकार के शासकीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। मैं इस पत्र के माध्यम से आपको मेरे गांव की समस्या के विवरण के साथ प्रत्येक माह मुफ्त चिकित्सा शिविर लगवाने का अनुरोध करता हूँ।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरसता गांव…

ग्राम पंचायत मिरचीद की यह समस्या कोई नई नहीं है। गांव की जनसंख्या लगभग 1500 से अधिक है, लेकिन फिर भी यहां कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) नहीं है, और न ही किसी सरकारी डॉक्टर की नियमित उपस्थिति। ग्रामीणों को सामान्य बुखार, सर्दी-खांसी से लेकर गंभीर बीमारियों के लिए भी CHC बिलाईगढ़,नगरदा या निजी क्लीनिक का रुख करना पड़ता है, जो कि हर किसी के लिए संभव नहीं होता।

किसान और मजदूर वर्ग की स्थिति सबसे दयनीय…

मिरचीद में अधिकतर परिवार कृषि और दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हैं। दैनिक कमाई पर जीवन यापन करने वाले इन परिवारों के लिए स्वास्थ्य जांच और दवाएं एक महंगा सौदा है। सरपंच साहू ने अपने पत्र में बताया कि जब कोई बीमार होता है, तो परिवार को न सिर्फ आर्थिक रूप से कठिनाई होती है,बल्कि समय और संसाधनों की भी भारी कमी महसूस होती है।

सरपंच की मांग-एक दिन,एक मौका…

सरपंच साहू ने पत्र में एक अत्यंत व्यवहारिक और संवेदनशील मांग की है,कि यदि प्रत्येक माह केवल एक दिन भी स्वास्थ्य विभाग की टीम मिरचीद आकर शिविर लगाए, तो गांव के लोगों को मुफ्त में स्वास्थ्य जांच, परामर्श और आवश्यक दवाएं मिल सकती हैं।

यह शिविर न केवल इलाज की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा। बीमारियों की प्रारंभिक पहचान और रोकथाम से दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।

गांव वालों की प्रतिक्रिया…

सरपंच की इस पहल का गांव के लोगों ने दिल से स्वागत किया है। गांव की बुजुर्ग महिला कौशल्या बाई कहती हैं-हम गरीब लोग कहां जाएंगे डॉक्टर दिखाने? यहां कोई नहीं आता। अगर हर महीने डॉक्टर आ जाए, तो बहुत राहत मिलेगी।
वहीं, युवा दिनेश ने कहा हमारे गांव में इतने सालों से कोई इलाज की सुविधा नहीं है। सरपंच जी ने जो किया है, वह हमारे लिए बहुत जरूरी था।

वर्तमान में चिकित्सा सुविधाएं- एक विफल तंत्र…

यह स्थिति यह दर्शाती है कि आज भी देश के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं अंतिम पंक्ति तक नहीं पहुंच सकी हैं। आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना जैसी योजनाएं भी यहां तक अपनी पहुंच नहीं बना पाई हैं। मिरचीद जैसे गांवों में अभी भी ग्रामीण लोग झोला छाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं, जो न केवल अवैध हैं बल्कि कई बार घातक भी साबित हो सकते हैं।

चिकित्सा विभाग की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा…

सरपंच द्वारा यह पत्र C.H.C. बिलाईगढ़ में दिनांक 10-09-2025 को प्राप्त कर लिया गया है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कितनी शीघ्रता से कदम उठाता है।

ग्राम पंचायत मिरचीद की यह स्थिति आज के समय में भी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत को उजागर करती है। सरपंच ललित कुमार साहू ने जो मांग की है, वह केवल एक गांव की नहीं, बल्कि देश के उन हजारों गांवों की सामूहिक आवाज है जहां आज भी स्वास्थ्य सेवा एक सपना मात्र है।
यदि इस पहल को समर्थन मिलता है और स्वास्थ्य विभाग सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है, तो यह अन्य पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बन सकता है।

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