बलौदाबाजार-बलौदाबाजार जिले के खपराडीह शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल में 40 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. स्कूल में पढ़ाई कर रहे कई बच्चों को अचानक चक्कर आना, उल्टी होना और बेहोश होने जैसी समस्याएं हो रही हैं. यह घटनाएं ना केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि उनके अभिभावकों और स्थानीय समुदाय के लिए भी चिंता का कारण बन गई हैं. अब तक इस समस्या के कारण लगभग दर्जनभर विद्यार्थी प्रभावित हो चुके हैं।
35 छात्राओं का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज : खपराडीह स्कूल के बच्चे अचानक बेहोश होने लगे. छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना और उल्टी जैसी शिकायत हुई.जिसके बाद उन्हें शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस मामले में लोगों का कहना है कि संयंत्र के प्रदूषण के कारण बच्चे हो बेहोश हुए हैं. एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने पर निजी वाहनों से बच्चों को 30 से 35 सुहेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया. शेष सभी विद्यार्थियों को गांव के ही सामुदायिक भवनों में अध्ययन के लिए शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं स्कूल की शिक्षिका की माने तो गैस की स्मेल आने के बाद बच्चों में उल्टी आने और बेहोश होने की शिकायत हुई.जो आसपास के किसी इंडस्ट्री से आ रही थी।
सुबह दस बजे के आसपास गैस का रिसाव हुआ.जिसके बाद स्मेल आने लगी.जिससे बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हुई.इसके बाद 35 बच्चों को काउंटर में रखा और एंबुलेंस में भेजा गया.जो बच्चे सीरियस हैं उन्हें सुहेला,भाटापारा और बलौदाबाजार भेजा गया.बच्चों में उल्टी और पेट दुखने की शिकायत थी
प्रिया रवानी
व्याख्याता,शासकीय स्कूल खपराडीह
स्थानीय लोगों का आरोप
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि स्कूल के पास स्थित दो बड़े सीमेंट संयंत्रों से प्रदूषण फैल रहा है. जो बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं. सीमेंट संयंत्रों से निकलने वाले धुंआ, रासायनिक तत्व और प्रदूषक पदार्थ हवा में घुलकर बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनका कहना है कि इन प्रदूषणकारी तत्वों के कारण ही बच्चों को चक्कर आना, उल्टी और अन्य शारीरिक समस्याएं हो रही हैं.
कई बच्चों को उल्टी आने की शिकायत…
बलौदाबाजार CMHO राजेश अवस्थी ने बताया कि ज्यादातर बच्चों को सास लेने में दिक्कत आ रही हैं. इसके अलावा उल्टी, दस्त भी हो रही हैं. 2 बच्चे गंभीर है. जिला अस्पताल में इलाज जारी है, फिरहाल मैं अभी उन्हीं बच्चों को देखने सुहेला हॉस्पिटल आया हुआ हूं.
आपको बता दें कि सीमेंट संयंत्रों से प्रदूषण और प्रशासन की निष्क्रियता के बीच, यह मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है. बच्चों की सुरक्षा और सेहत के लिए इसे जल्द हल करना जरुरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।