बिलाईगड़- भारतपुर में आयोजित तीन दिवसीय रामनमी भजन मेला में तीसरे दिन मुख्य अतिथि के रुप मे अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य हेमचंद्र जांगड़े शामिल हुये। जैतखाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश वासियों के खुशहाली की मंगल कामना की।मेला परिसर में बने अस्थायी मंच पर मेला समिति के लोगों ने रामनामि गमछा,मोर मुकुट और पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। अपने संबोधन में रामनामी समाज के गौरवशाली इतिहास का जिक्र किया की किस प्रकार 100 वर्ष पूर्व चारपारा से इसकी शुरुआत हुई। श्री रेशमलाल जांगड़े जी ने इस मेले को आगे बढ़ाने फलीभूत करने हमेशा प्रयास किया।1962 में जांजगीर के ठठारी गांव में रामनामी भजन मेला में तत्कालीन राष्ट्रीय नेता बाबू जगजीवन राम जी को लेकर आए और 1991 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा जी को अपने गृह ग्राम परसाडीह के नजदीक कैथा ग्राम में आयोजित रामनामी भजन में लाने का श्रेय जाता है।उनके मार्गदर्शन बिना कोई भी भजन मेला संपन्न नहीं होता था।उन्होंने पूरे रामनामी और सतनामी समाज को बांधे रखा।उनके नेतृत्व में ही पूरे प्रदेश में नदी के एक तरफ और दूसरे तरफ एक ही भजन आयोजित होता था।समाज को सुधारने बढ़ाने जागृत करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।पूरे छत्तीसगढ़ में बाबू जगजीवनराम जो की तत्कालीन रेल मंत्री हुआ करते थे उनके अभिन्न मित्र थे उनके माध्यम से बहुत से रेल परियोजना उन्होंने छत्तीसगढ़ को दिलाई ।कई ट्रेनों का परिचालन जांगड़े जी की देन है बिलाईगढ़ में आज जितने भी शासकीय कार्यालय है, पुल, पुलिया,बांध विशेषकर, अर्जुनी बांध,भंडोरा बांध,ठाकुरदिया बांध उनकी ही देन है।गांव गांव पैदल घूमकर पूरे समाज में शिक्षा,का विस्तार किया,खान पान में शुद्धता लाई छुआछूत का जमकर विरोध किया और संसद से कानून भी पास कराया साथ ही गिरोदपुरी की पहचान पूरे प्रदेश सहित देश में कराई। मेले की शुरुआत उन्ही की देन है।उनके बाद आज तक इस क्षेत्र में कोई नया बांध नहीं बना।इस अवसर पर मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कमल, रामनामी समाज प्रमुख सेत बाई रामनामी,सचिव गुलाराम रामनामी,देवराम पंडित, कुंजबिहारी, भरत साहू,नरेन्द्र साहू सहित काफी लोग उपस्थित रहे।
बड़े भजन मेला भारतपुर में शामिल हुये अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य हेमचंद्र जांगडे…

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