बिलाईगढ़:-स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, और इसी सोच को साकार रूप देने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी/हिन्दी माध्यम विद्यालय, पवनी में दिनांक 06 सितम्बर 2025, शनिवार को एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अगुवाई जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा की गई, जिसमें छात्रों को न केवल विभिन्न गंभीर रोगों की जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री एफ. आर. निराला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), सारंगढ़-बिलाईगढ़ थे । उन्होंने छात्रों को सरल भाषा में विभिन्न सामाजिक और संक्रामक रोगों के बारे में अवगत कराया।
श्री निराला ने छात्रों को बताया कि आज के समय में स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर बच्चों और युवाओं के लिए। उन्होंने सिकलसेल रोग, टीबी (क्षय रोग), कुष्ठ रोग, कृमि संक्रमण, और नशा जैसी सामाजिक बुराइयों के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
प्रमुख बिंदु जिन पर चर्चा हुई:-
1. सिकलसेल रोग (Sickle Cell Disease):
यह एक आनुवंशिक रोग है, जो मुख्यतः जनजातीय समुदायों में पाया जाता है।
छात्रों को बताया गया कि इसके लक्षणों की समय पर पहचान और चिकित्सा से इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है।
नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग, परिवार में विवाह पूर्व जांच जैसे कदमों पर बल दिया गया।
2. टीबी (Tuberculosis):
छात्रों को बताया गया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन आज के युग में इसका इलाज पूरी तरह संभव है।
DOTS कार्यक्रम, निःशुल्क जांच एवं दवाएं, और पोषण योजना की जानकारी दी गई।
3. कुष्ठ रोग (Leprosy):
समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करते हुए बताया गया कि कुष्ठ अब लाइलाज नहीं है।
सही समय पर उपचार से यह पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
4. कृमि संक्रमण (Worm Infestation):
यह रोग बच्चों में सामान्य है, लेकिन लंबे समय तक इलाज न होने पर गंभीर रूप ले सकता है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की महत्ता पर बल दिया गया और Albendazole जैसी दवाओं के सेवन की सलाह दी गई।
5. नशा और युवाओं पर प्रभाव:
श्री निराला ने विस्तार से बताया कि किस प्रकार नशीले पदार्थ, जैसे तम्बाकू, शराब, और ड्रग्स युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से क्षति पहुँचाते हैं।
उन्होंने छात्रों को नशे से दूर रहने और दूसरों को भी प्रेरित करने का संदेश दिया।
नेत्रदान पर विशेष जागरूकता…
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू था नेत्र रोग और नेत्रदान पर चर्चा। छात्रों को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए बताया गया कि दृष्टिहीनता से ग्रसित लाखों लोग नेत्रदान के माध्यम से रोशनी प्राप्त कर सकते हैं।
श्री निराला ने कहा नेत्रदान महादान है। यदि हम अपने जीवन के बाद किसी को रोशनी दे सकें, तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं हो सकता।”
उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे अपने परिवार, आस-पड़ोस और गाँव में भी नेत्रदान के महत्व को समझाएं और लोगों को इसके लिए प्रेरित करें।
स्वास्थ्य परीक्षण एवं सहयोगी टीम की भूमिका…
कार्यक्रम के दौरान छात्रों का प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। इस कार्य में जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय रूप से जुड़ी रही। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण अधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे, जिनमें
श्री बीरेन्द्र कुर्रे (RMA),श्री कमलेश उडसेना (OAO),श्री फूलचंद साहू (सेक्टर सुपरवाइजर),श्री राजेश साहू,
पद्मिनी कर्ष,श्री कमलेश खरकर,
श्री लोकेश साहू,कु. सीमा (SPS)
इन सभी ने छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देने, उनकी स्वास्थ्य संबंधी जिज्ञासाओं का समाधान करने और उन्हें जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया।
विद्यालय के शिक्षक एवं प्राचार्य का सराहनीय सहयोग…
विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं शिक्षिकाएँ इस कार्यक्रम में पूरी तरह सहयोगी रहे। उन्होंने छात्रों को संयम और अनुशासन के साथ भाग लेने हेतु प्रेरित किया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री ए. के. साहू ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे विद्यालय में स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित होना गर्व की बात है। हम जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आभारी हैं कि उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य हित में इतना उपयोगी आयोजन किया। इस कार्यक्रम से हमारे छात्र दीर्घकालिक रूप से लाभान्वित होंगे
श्री साहू ने आगे सभी अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी ऐसे ज्ञानवर्धक और जनहितकारी कार्यक्रम निरंतर चलते रहेंगे।
छात्रों में उत्साह और सहभागिता…
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएँ अत्यंत उत्साह और जिज्ञासा के साथ उपस्थित रहे। कई छात्रों ने स्वास्थ्य संबंधित प्रश्न पूछे और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया। कुछ छात्रों ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे अब अपने परिवार और गाँव में भी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे।
समापन और भविष्य की योजना…
कार्यक्रम का समापन नेत्रदान शपथ और सामूहिक जागरूकता संकल्प के साथ हुआ। सभी छात्रों और शिक्षकों ने यह प्रण लिया कि वे न केवल स्वयं स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगे, बल्कि समाज में भी ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण हेतु कार्य करेंगे।
सेजेस पवनी में आयोजित यह स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम केवल एक दिन का आयोजन नहीं था, बल्कि यह एक ऐसी पहल थी जो आने वाले समय में समाज को स्वस्थ, जागरूक और मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
शिक्षा के साथ स्वास्थ्य का मेल विद्यार्थियों को एक बेहतर नागरिक बनाता है। और इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब शिक्षा संस्थान और स्वास्थ्य विभाग मिलकर कार्य करें, तो समाज में सार्थक और स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है।
- बरमकेला में नाई समाज संघ की नई कार्यकारिणी का गठन: दीपेश श्रीवास अध्यक्ष, गुलशन श्रीवास उपाध्यक्ष निर्वाचित… - October 11, 2025
- छत्तीसगढ़ विकसित प्रदेश बनने की ओर तेजी से अग्रसर-उप मुख्यमंत्री श्री साव… - October 11, 2025
- शासकीय प्राथमिक विद्यालय बांसउरकुली में सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम संपन्न… - October 8, 2025