नेशनल लोक अदालत में बिलाईगढ़ न्यायालय द्वारा 286 प्रकरणों का सफल निराकरण…

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बिलाईगढ़-न्याय आम जनता तक सरल, सुलभ और त्वरित रूप से पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित नेशनल लोक अदालत में बिलाईगढ़ न्यायालय द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई। इस अवसर पर कुल 286 प्रकरणों का आपसी सहमति से सफल निराकरण किया गया। लोक अदालत की इस पहल से न केवल न्यायालयों पर लंबित मामलों का बोझ कम हुआ, बल्कि पक्षकारों को समय, श्रम और धन की भी बचत हुई।

नेशनल लोक अदालत की इस पीठ की पीठासीन अधिकारी सुश्री प्रेरणा वर्मा रहीं, जिनके कुशल मार्गदर्शन, सकारात्मक दृष्टिकोण और संवेदनशील न्यायिक समझ से प्रकरणों का त्वरित एवं सौहार्दपूर्ण निराकरण संभव हो सका। उन्होंने पक्षकारों को आपसी समझौते के लिए प्रेरित करते हुए यह संदेश दिया कि विवादों का समाधान संवाद और सहमति से अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।

लोक अदालत में प्रस्तुतकार के रूप में श्री गीताराम कोसले ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रकरणों की विधिवत प्रस्तुति करते हुए न्यायालय को आवश्यक तथ्यों से अवगत कराया, जिससे मामलों के निराकरण की प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हो सकी।

इस अवसर पर अधिवक्ताओं की सक्रिय भागीदारी भी सराहनीय रही। अधिवक्ता आशीष भट्ट एवं अधिवक्ता विष्णु जावर ने पक्षकारों को कानूनी सलाह प्रदान करते हुए समझौते के लाभों को स्पष्ट किया और न्यायालय की कार्यवाही में सकारात्मक सहयोग दिया। अधिवक्ताओं के सहयोग से कई जटिल मामलों का भी सरल समाधान संभव हो पाया।
लोक अदालत की सफलता में सहयोगी कर्मचारियों का योगदान भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। जय कुमार बंजारे एवं अल्का खूंटे ने व्यवस्थागत कार्यों, प्रकरणों के समन्वय एवं पक्षकारों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान कर लोक अदालत की कार्यवाही को व्यवस्थित एवं प्रभावी बनाया।

इसके अतिरिक्त पैरालीगल वालंटियर्स ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीमा साहू (थाना बिलाईगढ़) एवं रमेश कुमार चौहान (थाना सलिहा) ने आम नागरिकों को लोक अदालत की प्रक्रिया, लाभ एवं उद्देश्य के बारे में जानकारी दी तथा उन्हें प्रकरणों के समाधान हेतु प्रेरित किया। उनकी सक्रियता से ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी भी बढ़ी।
नेशनल लोक अदालत में मुख्य रूप से आपराधिक शमनीय प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा, पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस, राजस्व एवं अन्य सिविल मामलों का निराकरण किया गया। आपसी सहमति से हुए इन समझौतों ने यह सिद्ध किया कि लोक अदालत विवाद निपटान का एक प्रभावी, त्वरित एवं मानवीय मंच है।

कार्यक्रम के अंत में पीठासीन अधिकारी सुश्री प्रेरणा वर्मा ने सभी अधिवक्ताओं, न्यायालयीन कर्मचारियों, पैरालीगल वालंटियर्स एवं पुलिस विभाग के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे अधिक से अधिक लोक अदालत का लाभ उठाएँ और अपने विवादों का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से करें।

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